Poetic Journey Of Parliament : संसदेत गाजलेल्या शेर-ओ-शायरी; नेत्यांनी विरोधकांना शायरीतून केले होते घायाळ...

Chetan Zadpe

नरेंद्र मोदी -

संसदेत 2018 च्या अविश्वास प्रस्तावाच्या मोदींनी काँग्रेसला शायरीतून उत्तर दिले होते. मोदी म्हणाले,

"ना मांझी ना रहबर, ना हक में हवाएं, है कश्ती भी जर्जर.. ये कैसा सफर है।"

Poetic Journey Of Parliament | Sarkarnama

मल्लिकार्जुन खर्गे -

लोकसभेत विरोधी पक्षनेते मल्लिकार्जुन खर्गे यांनी शायर बशीर बद्र यांच्या शायरीतून भाजपला टोला लगावला होता. खर्गे म्हणाले,

"दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुँजाइश रहे..

जब कभी हम दोस्त हो जायें तो शर्मिन्दा न हों.."

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असदुद्दीन ओवैसी -

ओवैसी यांनी मोदी सरकारवर निशाणा साधताना म्हटले होते...

फूल शाखों पे खिलने लगे तुम कहो,
चाक दामन के सिलने लगे तुम कहो,
इस खुले झूठ को, जहन की लूट को,
मैं नहीं मानता.. मैं नहीं जानता।'

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भगवंत मान -

'बात चली थी भारत को डिजिटल इंडिया बनाने की, बात चली थी भारत के एक सिर के बदले दस सिर लाने की, लेकिन कुछ नहीं आया। मोदी जी कृपया जाते-जाते बता दीजिए अच्छे दिन कब आने वाले हैं?'

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मनमोहनसिंग -

मनमोहन सिंग पंतप्रधान असताना विरोधकांना उद्देशून म्हणाले..

"हमे हैं उनसे वफा की उम्मीद, जो नहीं जानते वफा क्या हैं "

दुसऱ्या एका प्रसंगी मनमोहनसिंग म्हणाले,

हजारो सवालो से अच्छी है मेरी खामोशी

ना जाने कितने सवालो की आबरु रकी..

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सुषमा स्वराज -

लोकसभेत एका प्रसंगी स्वराज म्हणाल्या,

"कुछ तो मजबूरियां रही होंगी यूं  ही कोई बेवफा नहीं होता " 

मनमोहनसिंग यांना उद्देशून म्हणताना त्या म्हणाल्या,

तुम्हें वफा याद नहीं, हमें जफा याद नहीं,
जिंदगी और मौत के दो ही तराने हैं, एक तुम्हे याद नहीं एक हमे याद नहीं "

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रामदास आठवले -

'नरेंद्र मोदीजी और आपका दिल है विशाल, 
राहुलजी आप रहो खुशहाल. हम सब मिलकर हाथ में लेते हैं एकता की मशाल, 
और भारत को बनाते हैं और भी विशाल..'

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ममता बॅनर्जी -

बॅनर्जी याना रेल्वेमंत्री असताना अकबर इलाहबादी यांचा शेर उच्चारला होता.

"हम आह भी भरते हैं तो हो जाते हैं बदनाम,
वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती "

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राजनाथ सिंह -

राजनाथ सिंह लोकसभेत एक शेर म्हणाले होते,

“मेरी हिम्मत को सराहो, मेरे हमराही बनों मैंने एक शम्मा जलाई है..”

याला प्रत्युत्तर देताना खर्गे म्हणाले,

“एक आंसू भी हुकुमत के लिए खतरा है, तुमने देखा नहीं आंखों का समंदर होना”

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